कुछ इस तरह :मेरी बात आप तक

बहुत सह लिए आतंकी हमले
अब क्यों तुम चुप बैठे हो
कब तक सहेगा जुल्म वतन
कुछ तो मन मंथन कर लो,,

सोचो जरा उन मासूमो को
जो हमले के शिकार हुए
लेते क्यों नहीं निर्णय ढंग का
क्यों हाथों में हाथ धरे हो,,

वो तो वीर थे इस देश के
जो वीर गति को प्राप्त हुए
रण भूमि में देखो वो
अपना परिचय दे गए
बड़ी बड़ी बातें करने वालों
तुम क्यों निठल्ले से हो गए
देश विपत्तियों से गुजर रहा
और तुम सुप्त से हो गये,,

सीना उनका देखो जो
कर्म भूमि में फर्ज अपना निभा गये
मातृ भूमि का कर्ज देखो
किस तरह चुका गये

दिवाली पे खुशियां मनायेंगे 

ये सपना भी अधूरा रह गया

माँ पिताजी भाई बहनों का दुलार

सब पल भर में चकना चूर हो गया

पापा के आने का इंतजार वो छुटकी भी कर रही होगी

नये नये खिलौनों के लिए वो हरवक्त तैयार  होगी

सोचो जरा  उसकी मांग भी आज सूनी रह गयी

पति के घर जो सज सवँर के दुल्हन बन के आई होगी,,,

तुम ने तो राजनीति के दलदल से
देश बर्बाद कर दिया
अनेको राजनैतिक दल बना कर
तुमने देश ही बाँट दिया
जो सत्ता में है माना कि
वो कुछ नहीं बोल रहा
ऐसी घटनाओं से बिन सत्ता के
तुम्हारा खून नहीं खोल रहा,,

कहती हूँ अभी भी सही समय पर
सही देश में तीर चला दो
अपने बलबूते पर तुम
सामने वाले को कुछ सबक सिखा दो,,

*सहादत पर मर मिटने वालों का में सम्मान करती हूँ
उन वीर जवानों को मैं बारम्बार प्रणाम करती हूँ*

*अर्ज है मेरी, वीर सपूतों को इस कदर इन्साफ दिला देना
कि उनके भी घर परिवार को पूर्ण सम्मान दिला देना*

      *जय हिंद की सेना*

नीलम रावत (नील)

PHOTO: FACEBOOK


Post a Comment

Post a Comment (0)

Previous Post Next Post