मैं नन्ही सी कली हूँ,मुझे पुष्प बनकर खिलने दो प्यासी हूँ अर्शे से,अब जल का सिंचन होने दो खुशियां भर दूंगी आपकी दुनिया में बेमिशाल अभी जरा मुझे श्वेत श्यामल वर्ण में रंगने दो
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