बगीचे में हो रही नोक झोंक

मेरा यू  खिड़की से बाहर झाँकना
बगीचे में उस नन्हें पौधे का यूँ इतराना
पकड़ ली जिद उसने भी
है उसे फलक तक जाना।
अभी अभी जन्मा वो पौधा
लथ पथ मिट्टी से ढका सना
जश्न क्यारियां मना रहीं थी
गा रही थी सुंदर गाना।
बगल में फूली अलसायी सरसों
दे रही थी ताना बाना
देख क्षितिज से ये नजारा
सूर्य देव का शरमा के छुप जाना।
दृश्य बड़ा मनभावन है ये
महक रहा है पूरा आंगन
लहराया है बाग खुशी से
मानो लौट आया इसमें सावन।।
@neel
#नीलम_रावत

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