रग रग में समाई जिसकी सिंहों की दहाड़ है
नदी निर्झर मैदान यहां पर्वत औ पहाड़ हैं
वन्दे मातरम गीत है अपना जन गण मन गान है
सबसे प्यारा सबसे न्यारा भारत वर्ष महान है
इतिहास हमारा पढ़ाता हमको वीरों का बलिदान है
मातृभूमि की रक्षा के खातिर कई जवानियाँ कुर्बान हैं
भारत भू की प्यास बुझाती सदियों से बहती गंगा है
विश्व पटल पे भी लहराता हमारा ध्वज तिरंगा है
सैंतालीस से पूर्व देश हमारा ,अंग्रेजों का गुलाम था
सत्तावन ने किया आगाज तो सैंतालीस अंजाम था
आजादी की परिपाठी में जिन वीरों का नाम है
उन वीरों के लिए दिलों में अथाह स्नेह सम्मान है
माँ भारती के हृदय में चुभने न देना शूल तुम
वीर शहीदों के तोहफे को, यूँ न जाना भूल तुम
वीर शहीदों की कुर्वानी को मेरा पैगाम है
माँ भारती के लालों को शत शत प्रणाम है
जय हो भारत के वीरों की वीर भूमि की जय हो
शहीदों की शहादत की जय हो भारत माँ की जय हो
वीर भगत सिंह विस्मिल,आजाद के इंकलाब की जय हो
गांधी नेहरू तिलक की जय हो नेता सुभाष की जय हो
मंगल पांडेय की जय हो झांसी की रानी की जय हो
लहराते तिरंगे की जय हो गंगा के पानी की जय हो
#नीलम_रावत
वन्दे मातरम।। जय हिंद
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