गली गली में रंगों की दमक है
सबके चेहरों पर खुशियों की चमक है
होली आयी है होली आयी है
ब्रजमण्डली भी झूमि के आयी है
जानकी सुत ने होली मनाई है
गोपियों ने भी मारी पिचकारी है
नन्द के घर मे गोपियां पहुंची है
कान्हा के संग में होली मनाती हैं
हंसते खेलते रंग उड़ाते हैं
गोकुल में खूब धूम मचाते हैं
झूमते गाते राधा भी आती है
गुलाल के संग प्रेम भी बांटती है
नन्द को छोरा आनंद से झूमो
होली आयी होली आयी
संग में खुशियों की सौगात लायी
रंग प्रेम के भाई चारे के
रंग जीत के रंग हार के
रंग तुम्हारे रंग हमारे
रंग कान्हा के रंग राधा के
रंग गोकुल के रंग बरसाने के
रंग सौंदर्य के रंग सगुन के
रंग रसीले लगे फागुन के
होली आयी होली आयी
सब में देखो मदहोशी छाई
अपना पराया कोई न देखा
जिसको चाहा रंग लगाया
किसी के रंग हम भी रंगे है
कोई हमारे रंग में रंग है
आज सभी रंगों में मस्त है
कोई भांग पीने में व्यस्त है
डेली डेली गुंजिया की खुशबू
कोई मदिरा पीकर के ध्वस्त है
हमारे घर मे अतिथि विराजे हैं
गाजे बाजे सब कुछ साजे हैं
चाय पानी पूछा नहीं कछु
सबसे पहले रंगों से नवाजे हैं
होली आयी है होली आयी है।।
नीलम रावत
Post a Comment