![]() |
बौड़ीक ऐजा - बौड़ीक ऐजा म्येरा मुल्की देश्यों
तुमकु जगवळ्दी स्या खौन्दरि तिबार
तुमकु जगवल्दा तुमारा बार त्यौहार
बाटू ह्येरदी, सुजल्नि रेंदि स्या बूड्या ब्वे
बारा मैना- बारा मास तैंका आँख्योंम रवे
अपणि मातृ भूमि का खातिर तुम बौड़ीक ऐजा
बौड़ीक ऐजा ----------
तुम बिन बांजा छिन डोखरा सेरा
तुमरा बिन बांजा छिन धारा पंदेरा
तुमू धै लंगादिन तुमारा रीति-रिवाज
द्यबतों का थान बुलौणा छिन तुमकु आज
अपणी पित्रों कि धरती थें पूजण तुम ऐजा
बौड़ीक ऐजा ---------------
तुमरा बीन सूना छिन सभी खौळा- म्येळा
ऐ जाला तुम त कौथिग भी ह्वीरेला
हरची गेनि चांचरी झुमेला भी ये बथों मा
जाण से तुमरा व रौनक भी नि रे अब गौं ख्वळों मा
डुबदि यें संस्कृति थे छाला लगाणू कू ऐजा
बौडिक ऐजा-----------------------
घुघुती की घूर तुमकु खुदाणी च
डांडी काँठी उदास तुमथे रुसाणी च
त्वे बिना उचम्याणा छिन त्येरा खेल खिलौणा
त्वेते सुधलना छिन त्येरा घौड़ा दगणया
हिटी क जौं बाटों मा पौंछि तु दूर
वों बाटों कु करज उतन्न तु ऐजा
बौडिक ऐजा---------------------
बौडिक--------------म्येरा मुल्की
©®नीलम रावत
वाह दीदी बहुत अच्छा🤩
ReplyDeleteबहुत सुंदर �� दीदी
ReplyDeleteवाह । बहुत बेहतरीन। बौडिक ऐजा....👌🥰
ReplyDeleteवाह । बहुत बेहतरीन। बौडिक ऐजा....👌🥰
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियां कवयित्री जी।
ReplyDeleteWell done & keep it up...👌👍🙏😊
लाजवाब 👌👌👌👌
ReplyDeleteलाजवाब 👌👌👌👌
ReplyDeleteVery nice bhulu
ReplyDeleteबहुत सुन्दर 👌
ReplyDeleteYes very nice poem, may our people's welcome back.But most business in outsider's hand & surprise we support him.Think how many Uttarakhandi perment stay in bihar? May be zero % not possible to live there.but how Bihari adoted here & most govt officres are from ...
ReplyDeleteवाह क्या बुन 👍
ReplyDeletePost a Comment