शरणार्थी वह है जो बच गया और जो भविष्य बना सकता है- अमेला कोलुडेर
क्या है विश्व शरणार्थी दिवस
संयुक्त राष्ट्र संघ प्रत्येक वर्ष २० जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाता है ,यह दिवस विश्व के किसी भी क्षेत्र के महिलाओं ,बच्चों ,पुरुषों एवं वृद्धों के साहस ,शक्ति। दृढ इच्छा के सम्मान में मनाया जाता है। जो किसी हिंसा आंदोलन युद्ध व उत्पीड़न के कारण अपनी जन्मभूमि ,कर्मभूमि व मातृभूमि को छोड़कर किसी अन्य प्रान्त, देश या जगह भाग जाने को विवश हो जाते है।
कब हुई थी विश्व शरणार्थी दिवस की शुरुआत ??
विश्व में वर्षों पहले से कई देश विश्व शरणार्थी दिवस के समान अपने अपने कार्यक्रम आयोजित करते थे। जैसे अफ़्रीकी देश २० जून को शरणार्थी दिवस मनाते थे ,अफ़्रीकी देशों की एकता को अभिव्यक्त करने के लिए दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में वर्ष २००१ को शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित वर्ष १९५१ कन्वेंशन की पचासवीं वर्षगांठ के रूप में चिन्हित किया गया. OAU अंतराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस को अफ़्रीकी दिवस के साथ 20 जून को मनाने के लिए सहमत हो गया।
1951 शरणार्थी कन्वेंशन क्या है ??
1951 की शरणार्थी कन्वेन्शन, दूसरे विश्व युद्ध के बाद के हालात में वजूद में आई थी। संयुक्त राष्ट्र में 14 दिसम्बर 1950 को यह सन्धि उजागर हुई थी, और जुलाई 1951 में 26 देशों के प्रतिनिधियों ने इस सन्धि के मसौदे को अन्तिम रूप देने के लिये जेनेवा में बैठक की। 1967 में एक प्रोटोकॉल के ज़रिये उन लोगों के लिये सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया था जिन्हें अन्तरराष्ट्रीय सहायता व सुरक्षा की ज़रूरत होती है। यह सन्धि ही ये परिभाषित करती है कि कौन लोग शरणार्थी हैं और उन्हें किस तरह की सुरक्षा, सहायता और अधिकार मिलने चाहिये।
ये सन्धि और प्रोटोकॉल शरणार्थियों की रक्षा के लिये आज भी बुनियाद का काम करते हैं और इन्होंने अनगिनत क्षेत्रीय सन्धियों व क़ानूनों के लिये प्रेरणास्रोत का काम किया है.
इनमें 1969 में अफ़्रीका में हुई शरणार्थी कन्वेन्शन, 1984 में लातीन अमेरिका में हुआ कार्टाजेना घोषणा-पत्र और योरोपीय संघ की साझा शरणार्थी प्रणाली प्रमुख है। इस कन्वेन्शन के सिद्धान्तों के लिये दिसम्बर 2018 में हुए शरणार्थियों पर ग्लोबल कॉम्पैक्ट के ज़रिये फिर से संकल्प व्यक्त किये गए.इन दोनों वैधानिक दस्तावेज़ों में कहा गया है कि अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के बिना, शरणार्थियों की समस्याओं व स्थितियों का कोई टिकाऊ समाधान नहीं हो सकता.
1951 शरणार्थी कन्वेंशन वर्ष २०२१ में आपमें ७० वर्ष पुरे कर चूका है।
कौन हैं शरणार्थी ??
एक शरणार्थी वे लोग होते हैं जो संयुक्त राष्ट्र के अनुसार " अपनी जाती धर्म ,राष्ट्रीयता ,किसी विशेष समुदाय की सदस्य्ता या राजनितिक विचारधारा के कारण किसी उत्पीड़ित होता है,वः अपने किसी भी प्रकार के विचारों की अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र नहीं रहता और इस कारण वह अपना स्थान ,घर अथवा देश को छोड़ जाता है।
विश्व शरणार्थी दिवस की इस साल की थीम
"सुरक्षा का अधिकार " इस वर्ष की शरणार्थी दिवस की थीम है।
Whoever, Whatever, Whenever. Everyone has the right to seek safety.
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