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<script async src="https://www.googletagmanager.com/gtag/js?id=G-6MNZZFVFPW"></script> <script> window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-6MNZZFVFPW'); </script>भारतीय इतिहास में महिलाओं की भूमिका
हजारों भारतीय महिलाओं ने अपने कर्म, व्यवहार और बलिदान से विश्व में आदर्श प्रस्तुत किया है. प्राचीनकाल से ही भारत में पुरुषों के साथ महिलाओं को भी समान अधिकार और सम्मान मिलता रहा है इसीलिए भारतीय संस्कृति और धर्म में नारियों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. इन भारतीय महिलाओं ने जहां हिंदू धर्म को प्रभावित किया वहीं इन्होंने संस्कृति, समाज और सभ्यता को नया मोड़ दिया है. भारतीय इतिहास में इन महिलाओं के योगदान को कभी भी भूला नहीं जा सकता. प्राचीन भारत से ही महिलाएं काफी उन्नत व सुदृढ़ थीं. जैसे त्रेतायुग की बात करें तो माता सीता जिनपे ना जाने कितने आरोप लगे लेकिन उन्होंने अपने उदार हृदय व सहिष्णु चरित्र का परित्याग नहीं किया ,इतने लोकापवाद के बाद भी उन्होंने अपने पति को दोषी नहीं माना...।
द्वापर में द्रौपदी जो राजा की पुत्री थी कितना सहा उन्होंने लेकिन अपने चरित्र की वजह से जग में प्रसिद्धि पा ली और इतिहास में स्वर्णित हो गयी।
उत्तर वैदिक काल मे गार्गी अपाला जैसी विदुषियों के सामने बड़े बड़े विद्द्वान नतमस्तक थे.. सवित्री बाई फुले जिहोने कई बालिकाओं को शिक्षित किया और महिला शिक्षा पर काम किया , रानी लश्मी बाई जिन्होंने की १८५७ के स्वतन्त्रता संग्राम को अंजाम दिया। आधुनिक भारत मे भी स्त्रियां किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं रक्षा,विज्ञान,राजनीति,शिक्षा,खेल-कूद हर जगह लोहा मनवा रही हैं..
ऐसे में आज आने वाले राष्ट्रपति चुनाव परिणाम का झुकाव एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की तरफ है मुर्मू जो कि देश की प्रथम आदिवाशी एवम देश की द्वितीय महिला राष्ट्रपति बनने जा रहीं हैं।
कौन है द्रौपदी मुर्मू ??
द्रौपदी मुर्मू कुछ ही समय मे देश की राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाएंगी।
द्रौपदी मुर्मू के नाम देश की पहली आदिवासी महिला गवर्नर का खिताब भी है। 2015-2021 के बीच वह झारखंड की गवर्नर रही हैं। 20 जून 1958 में जन्मीं मुर्मू की पढ़ाई-लिखाई भुवनेश्वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से हुई है। वह स्नातक हैं। उनके पति श्याम चरण मुर्मू इस दुनिया में नहीं हैं। उनके एक बेटी है। उसका नाम इतिश्री मुर्मू है। इतिश्री का विवाह हो चुका है।
2013 से 2015 तक मुर्मू बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहीं। 2010 में उन्होंने मयूरभंज (पश्चिम) से बीजेपी की जिला अध्यक्ष की कमान संभाली। उन्हें 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए 'नीलकंठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। 2006-2009 के बीच वह बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं। 2004-2009 के बीच द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ओडिशा के रायरंगपुर से विधानसभा सदस्य थीं। 2002-2009 के बीच मुर्मू ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर एस.टी. मोर्चा की जिम्मेदारी संभाली। 2000-2004 के बीच वह ओडिशा सरकार में परिवहन और वाणिज्य विभाग की मंत्री रही हैं। 2002-2004 के बीच उन्होंने ओडिशा सरकर के पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी संभाली। 1997 में वह पार्षद बनीं और रायरंगपुर की वाइस-चेयरपर्सन नियुक्त की गईं।
द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनने के महत्व :
आधी आबादी होने के बावजूद संसद और विधासभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है।
शीर्ष पद पर महिला का चयन महिला सशक्तीकरण के लिए बेहतर संदेश।
आदिवासी समुदाय को संसद और विधानसभा में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण; सामाजिक-आर्थिक विकास धीमा आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।
भारत में संथाल जनजाति :
https://twitter.com/ANI/status/1550083985614995456?t=RcYV3oNGKm6citepUz8xAg&s=08
देश की भावी महामहिम राष्ट्रपति एक आदि समुदाय संथाल जनजाति से होंगी इसलिए संथाल जनजाति का संछिप्त उल्लेख
संथाल जनजाति समूह भारत के सबसे बड़े जनजाति समुदायों में से एक है। पूर्वी भारत में मुख्य विस्तारः झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम में निवास करता है। वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या तकरीबन 50 लाख > बांग्लादेश- 200,000; नेपाल- 10,000
संथाली भाषा (ऑस्ट्रो-एशियाटिक भाषा- खेरवाड़ी) का प्रयोग क्षेत्रीय भाषा के रूप में करते हैं।
भारत में राष्ट्रपति चुनाव :
राष्ट्रपति देश की सरकार का संवैधानिक प्रमुख होता है।
भारत एक गणराज्य है।
संविधान के भाग V में भारत के राष्ट्रपति की योग्यता, चुनाव और महाभियोग का ज़िक्र किया गया है।
राष्ट्रपति भारत की कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका का औपचारिक प्रमुख होता है।
भारतीय सशस्त्र बलों का कमांडर-इन-चीफ भी राष्ट्रपति ही होता है।
अनुच्छेद 52: यह अनुच्छेद बताता है की भारत में संवैधानिक प्रमुख एक निर्वाचित उम्मीदवार होगा जो भारत का राष्ट्रपति होगा।
अनुच्छेद 53: संघ की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होने बात करता है
अनुच्छेद 54: राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान कौन करेगा?की व्याख्या करता है।
अनुच्छेद 55: राष्ट्रपति के चुनाव की विधि को बताता है
अनुच्छेद 56: राष्ट्रपति के पद का कार्यकाल कितना होता है।
अनुच्छेद 57: पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता क्या होनी वहहिये यह बताता है
अनुच्छेद 58: राष्ट्रपति के लिए चुनाव हेतु योग्यता क्या होनी चाहिए बताता है।
भारत के कुछ प्रमुख राष्ट्रपति
डॉ राजेंद्र प्रसाद
भारत के प्रथम राष्ट्रपति और अभी तक के इतिहास में ये ही दो बार राष्ट्रपति बने।
प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (12वीं)
जुलाई 2007 से जुलाई 2012
देश की पहली महिला राष्ट्रपति
राजस्थान की गवर्नर (2004-2007)
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (11 वें)
जुलाई 2002 मे जुलाई 2007
IIT-मद्रास से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री
सेटेलाइट और मिसाइल विकास कार्यक्रमों में योगदान
के. आर. नारायणन (10वें)
1997 और 2002
राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति ( 9वें ) को पद धारण करने वाले पहले दलित
तीन बार लोकसभा के सदस्य और इससे पूर्व एक सफल राजनयिक थे।
नीलम संजीव रेड्डी ( छठवें )
1977 -1982 (निर्विरोध)
सन 1977 के आम चुनाव में जब इंदिरा गांधी की पराजय हुई, उस समय नव-गठित राजनीतिक दल जनता पार्टी ने इनको राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाया। वे भारत के पहले गैर काँग्रेसी राष्ट्रपति थे.संजीव रेड्डी की छवि कवि, अनुभवी राजनेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में थी।
Padha nahi par accha laga
ReplyDeleteSame upr wala 😂😂
ReplyDeleteAchha lekh likha
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